हरा भरा रहता मदिरालय, जग पर पड़ जाए पाला, बने ध्यान ही करते-करते जब साकी साकार, सखे, भरी हुई है जिसके अंदर पिरमल-मधु-सुरिभत हाला, प्रकृति, हमें सुखी एवं स्वस्थ जीवन जीने के लिए एक खूबसूरत और शांत पर्यावरण उपलब्ध करवाती है। कुदरत, न सिर्फ हमें कई तरह के सुंदर फल-फूल, https://jasperqdqcp.thekatyblog.com/7051915/the-best-side-of-hindi-poetry