इंतिहा ये है कि 'फ़ानी' दर्द अब दिल हो गया दिल ही तो है न संग-ओ-ख़िश्त दर्द से भर न आए क्यूँ धड़कनों से भी इबादत में ख़लल पड़ता है…” वही कारवाँ वही रास्ते वही ज़िंदगी वही मरहले मुझे लोगों ने बुलाया मुझे छू कर देखा…” “माना कि तन्हा हूँ, https://youtu.be/Lug0ffByUck